Thursday 9 July 2015

सबसे पुराना मोबाइल: हमारा चाँद

"कल नौ बजे तुम चाँद देखना,मैं भी देखूंगा,
और यूं दोनों की निगाहें,चाँद पर मिल जायेंगीं... ...." fm पे ये गाना सुनते ही व्याख्या बोली" अरे...ये तो.अपनी स्टोरी पे सॉन्ग बन गया..... सन्दर्भ.. सन्दर्भ.....तुमने ये सॉन्ग सुना.."

" हुँ...हाँ....सुना है" सन्दर्भ लैपटॉप स्क्रीन पे आँखें जमाये जमाये बोला

"कुछ याद आया...ये तो अपनी लव स्टोरी का किस्सा है...इन्हें कैसे पता चल गया.."व्याख्या ख़ुशी और आश्चर्य से भरी आवाज़ में बोली

"अरे..हाँ..यार सच में...ये तो कमाल हो गया...वैसे कई बार अलग अलग राइटरस के थॉट एक से हो जाते हैं....और लेक्चर साहिबा..इसका मतलब ये भी है कि...हमारी प्रेम कहानी सबसे अलग नहीं है" इस बार सन्दर्भ ने ध्यान देकर गाना सुना और अपना लैपटॉप बंद कर दिया

"कितना अच्छा...अपना वो टाइम...हुआ करता था...उस वक्त आज के जैसे मोबाइल फोन्स तो हुआ नहीं करते थे...और..हम लोगों के पास रोज रोज घर के लैंडलाइन से फोन करने का मौका भी नहीं हुआ करता था.... बस ये कहते थे कि रात में दस बजे तुम भी चाँद देखना...और मैं भी देखूंगी...ऐसा लगता था जैसे हम दोनों एक दूसरे को नजर भर के देख रहे हों...wow..सोच के फिर से दिल में..अजीब सी ख़ुशी भर गई.." व्याख्या ने अतीत का एक टुकड़ा फिर से चखा

"उस वक्त तो..न आज के जैसे एयर-कंडीशन मॉल थे..जहाँ हम मिल सकते थे और न ही इतना ओपन माइंडेड क्राउड था...याद करो..कैसे सब अजीब नजरों से हमें देखा करते थे....भला हो उन PCO वाले भैया का जो मुझे तुम्हारा कॉल रिसीव कर लेने दिया करते थे...जब तक कोई कॉल करने नहीं आता था...मैं तुमसे बात करता रहता था" सन्दर्भ ने अपने अंदर रोमैंस सा महसूस किया

" राइटर बाबू...अपने बीएड के दौरान...मैं ही तुम्हें फोन किया करती थी... ........आजतक उन सारी कॉल्स के बिल संभाल के रखे हैं...अब तो चुका दो..." व्याख्या ने पुराना हिसाब पेश किया

" व्याख्या...उस वक्त भी मेरे पास पैसे नहीं हुआ करते थे...और आज भी...मैं..तुम्हारा...कर्ज़दार बने रहना चाहता हूँ..... कुछ बिल पेंडिंग ही रखो.....उन बिलों में ...हमारा इश्क..फिक्स्ड डिपाजिट की तरह है ....और समय समय पे....हम...यूँ ही उसका ब्याज लेते रहेंगे" सन्दर्भ ने उसका हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा

" चलो चाँद देखते हैं...तुम अपनी बात उससे कहना...और.मैं अपनी कहूँगी..फिर वो हमें...एक दूसरे की..सारीबातें..बता देगा...चलो फिर से चाँद को अपना मोबाइल बनाते हैं..और हाँ..फिर कभी ये मत कहना कि हमारी लव स्टोरी सबसे अलग नहीं है...हम सबसे अलग हैं..ये हमारा यूनिक तरीका है...तुम्हारे कॉपी राइट की तरह..." कहकर व्याख्या ने सन्दर्भ के होठों पे एक छोटी सी किश्त अदा कर दी।

'भविष्य की खाली प्याली भरने की भागदौड़ के बीच कभी कभी अतीत की छलकती प्याली से एक चुस्की लगा लिया करो, ठन्डे वर्तमान में नई गर्माहट आ जायेगी'

-तुषारापात®™

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