Tuesday 27 February 2018

शाम

किसी भी लिबास में उतरे ये शाम
उदासी के बुर्के में लिपट जाती है

उम्मीद का अपना सूरज डूब गया
रात किस्मत के सितारों से चिढ़ाती है

#तुषारापात®

Wednesday 21 February 2018

तरकीबें

साइंसदानों ने बताई दुनियादारी
ऊपर उठने की तरकीबें सारी
हल्के कागज़ों ने पा लीं मंज़िलें
भारी कलमों के हैं दिल भारी

#तुषारापात®

Saturday 17 February 2018

मुक़द्दर

वो हथेली से अपनी,हथेली मेरी रगड़ रहा था
मेरी खाली लकीरों में अपना मुक़द्दर भर रहा था

#तुषारापात®

Thursday 15 February 2018

ग़ालिब

तुझे याद करने से अश्क नहीं हैं छलके ग़ालिब
बल्लीमारां की उड़ती ख़ाक आँख में चुभ रही है

-तुषारापात®