किसी भी लिबास में उतरे ये शाम
उदासी के बुर्के में लिपट जाती है
उम्मीद का अपना सूरज डूब गया
रात किस्मत के सितारों से चिढ़ाती है
#तुषारापात®
तुषार सिंह 'तुषारापात' हिंदी के एक उभरते हुए लेखक हैं जो सोशल मीडिया के अनेक मंचों पे बहुत लोकप्रिय हैं इनके लिखे कई लेख, कहानियाँ, कवितायें और कटाक्ष सभी प्रमुख हिंदी अख़बारों में प्रकाशित होते रहते हैं तथा रेडियो fm पर भी कई कार्यक्रमो के लिए आपने लिखा है। कुछ हिंदी फिल्मों के लिए आप स्क्रिप्ट भी लिख रहे हैं। आप इन्हें यहाँ भी पढ़ सकते हैं: https://www.facebook.com/tusharapaat?ref=hl
किसी भी लिबास में उतरे ये शाम
उदासी के बुर्के में लिपट जाती है
उम्मीद का अपना सूरज डूब गया
रात किस्मत के सितारों से चिढ़ाती है
#तुषारापात®
साइंसदानों ने बताई दुनियादारी
ऊपर उठने की तरकीबें सारी
हल्के कागज़ों ने पा लीं मंज़िलें
भारी कलमों के हैं दिल भारी
#तुषारापात®
वो हथेली से अपनी,हथेली मेरी रगड़ रहा था
मेरी खाली लकीरों में अपना मुक़द्दर भर रहा था
#तुषारापात®
तुझे याद करने से अश्क नहीं हैं छलके ग़ालिब
बल्लीमारां की उड़ती ख़ाक आँख में चुभ रही है
-तुषारापात®