Sunday 6 December 2015

वक्त का प्लास्टर

पुराने जख्मों पे हम/न जाने कितनी/मुस्कुराहटें ओढ़ते हैं
वक्त के प्लास्टर को/फिर भी /कुछ लम्हे तो खरोंचते हैं

-तुषारापात®™
© tusharapaat.blogspot.com