आए तुम याद मुझे, गाने लगी हर धड़कन
ख़ुशबू लाई पवन, महका चंदन
कुछ पल यादों के चाक घुमायें
कुछ पल तन की मिट्टी पिघलायें
और दिल बन जाये खाली बर्तन
आए तुम याद मुझे...गाने लगी हर धड़कन
जब मैं शामों के पन्ने सिलती हूँ
और तेरे बोलों को फिरसे बुनती हूँ
लगे मुझे हर लम्हा तेरी कतरन
आए तुम याद मुझे...गाने लगी हर धड़कन
नदिया से जैसे धरती कटती है
तिल तिल वैसे ही कोई मरती है
करदे अब तो तू उसका तर्पण
आए तुम याद मुझे...गाने लगी हर धड़कन..
~तुषार सिंह #तुषारापात®