Friday 21 February 2020

रात एक नदी है

सितारे बिखरे पड़े हैं 
टूटे हुए पुल के टुकड़ों जैसे 
एक ओर मैं 
एक ओर ख़्वाब मेरे हैं 
डूबतीं नावों की 
थकी थमी पतवारों जैसीं पलकें 
आँख झपकती नहीं है 
रात जैसे एक नदी है

#तुषारापात®

Thursday 13 February 2020

मर के सितारा होना

बाद मरने के 
भी क्या मिटेंगें, ये फासले
तुम किसी और 
हम किसी और 
नक्षत्र के, सितारे होंगें।
~तुषारापात®

Wednesday 5 February 2020

पंच महाभूत

अंतरिक्ष भेदकर 
भेद जानना जान गए
विमानों से 
वायु की विमाएं माप गये 

अग्नि को साध लिया 
आठ आने की डिबिया में 
जल से विद्युत उपजाई 
बाँधों की बागी बगिया में 

पाये अन्न, रत्न, ईंधन 
कर धरती का दोहन 
पंच महाभूत हैं तेरे, ईश!
मानव-भविष्य के साधन?

#तुषारापात®

Monday 3 February 2020

बेरंग

डाकियो के 
नाम नहीं होते 
नाम तो 
चिट्ठियों पे होते हैं 
और कुछ चिट्ठियाँ 
होतीं हैं बस नाम की 
इसीलिए 
डाकिए गुमनाम हैं।

#तुषारापात®