Friday, 31 August 2018

उनचास लफ्ज़ उनवाने इश्क

कमरे के दरवाज़े बंद थे,खटखटा के अमृता ने कहा "क्या तेरे दरवाज़े पे हमें भी दस्तक देकर आना होगा"

उन्होंने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला "आम सी लकड़ी है मगर तुम आते जाते यूँ ही छू दिया करो..साहिर..इसी के संदूक में एक रोज दुनिया से रवाना होगा।"

~तुषारापात®