कमाल की तारीख है 1 अप्रैल, 31 मार्च की आधी रात से, पूरी पहली अप्रैल तक ये सोच सोच के परेशान रहो कि न जाने कौन किस मोड़ पे अपने किस दाँव से आपका मुर्गा बना दे और आप मूरख मंडली में अपने को शामिल पाएं।
मुझे लगता है इतनी सजगता रखना या आज के दिन इतना जागरुक होना अपने आप में खुद एक बहुत बड़ी मूर्खता है।
वैसे मुझे ऐसी कोई समस्या नहीं है हमें कोई मूर्ख नहीं बना सकता जो काम भगवान ने इतना बखूबी किया हो उसमें कौन माई का लाल या लाली अपनी टांग अड़ा सकता/सकती है।
आज के दिन आप सभी बुद्धिमानों को हम जैसे मूर्खों को धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि बाबा न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार हम मूर्ख हैं तभी तो आप जैसे बुद्धिमानो की बुद्धिमानी है।
तो अप्रैल में खिलने वाले इस 'फूल' का लुत्फ़ उठाइये और बुद्धू बनके किसी को बुद्धिमान बनाने की ख़ुशी महसूस कीजिये।
-तुषारापात®™
मुझे लगता है इतनी सजगता रखना या आज के दिन इतना जागरुक होना अपने आप में खुद एक बहुत बड़ी मूर्खता है।
वैसे मुझे ऐसी कोई समस्या नहीं है हमें कोई मूर्ख नहीं बना सकता जो काम भगवान ने इतना बखूबी किया हो उसमें कौन माई का लाल या लाली अपनी टांग अड़ा सकता/सकती है।
आज के दिन आप सभी बुद्धिमानों को हम जैसे मूर्खों को धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि बाबा न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार हम मूर्ख हैं तभी तो आप जैसे बुद्धिमानो की बुद्धिमानी है।
तो अप्रैल में खिलने वाले इस 'फूल' का लुत्फ़ उठाइये और बुद्धू बनके किसी को बुद्धिमान बनाने की ख़ुशी महसूस कीजिये।
-तुषारापात®™