नहीं जानता
खाली बर्तन देख के
घर से निकलो तो
अपशगुन होता है
नहीं मानता
गंगाजल की दो कटोरियाँ
देख, बाहर जाओ तो
शुभ-शगुन होता है
जब किसी खास काम पे
जाना होता है मुझे
तो दही-चीनी
चटा दिया करती है
हाँ,अब कुछ कुछ समझा हूँ
आखिर क्यों
माँ,भरी आँखों से,मुझे
विदा किया करती है।
#तुषारापात®