Sunday 12 May 2019

माँ

नहीं जानता
खाली बर्तन देख के
घर से निकलो तो
अपशगुन होता है

नहीं मानता
गंगाजल की दो कटोरियाँ
देख, बाहर जाओ तो
शुभ-शगुन होता है

जब किसी खास काम पे
जाना होता है मुझे
तो दही-चीनी
चटा दिया करती है

हाँ,अब कुछ कुछ समझा हूँ
आखिर क्यों
माँ,भरी आँखों से,मुझे
विदा किया करती है।

#तुषारापात®