Wednesday 6 July 2016

आवास विकास योजना

"अमाँ आवास..बताये दे रहें हैं..बात बहुत अच्छी तरह दिमाग में बिठा लो...इस बार बीच में ना आना... मामला बहुत सीरियस है इस बार..कसम इमामबाड़े की..तुम्हारे यार को सच्चा वाला प्यार हो गया है" विकास ने अपनी दोनों आँखें पूरी गोल बनाते हुए कहा

आवास भी तैश में आ गया पान को चुभलाते हुए उसने जवाब दिया "वो तुमने घंटाघर वाला तिराहा देखा है न...तो ये समझ लो विकास मियाँ... मामला उसी तिराहे जैसा है..अब ये तो वही बताएंगी कि वो छोटे इमामबाड़े की तरफ (अपनी ओर इशारा करता है) मुड़ेंगी या बड़े इमामबाड़े (उसकी ओर इशारा किया) की तरफ जाएंगी"

"मतलब तुम अपनी भौजी को हमारी भाभी बनाने पे लगे हो...बस यही है तुम्हारी दोस्ती...अमाँ भाई मान जाओ...रास्ते से हट जाओ.....पहली बार जब उसका बस नाम ही सुने थे तभी से मोहब्बत हो गई थी उससे... हाय...योजना पांडे... और तुम तो जानते हो यार...ये 'पांडे' लड़कियाँ तुम्हारे इस भाई पे मर मिटती हैं... तुम्हारी कसम अगर ई पांडे नहीं होती तो हम बीच में न आते..." विकास गले पे चुटकी काटके कसम खाते हुए उससे बोला

"हाँ हाँ पता है ...तुम और तुम्हारा पांडे प्रेम...पिछली वाली पंडाइन के बच्चों के प्रिय मामा तुम्हीं हो.."आवास ने चटकारा मारा तभी सामने से योजना को अपने कुत्ते के साथ आते देख वो उसकी तरफ बढ़ा,विकास ने भी योजना को आते देखा वो भी उसके साथ हो लिया

"कैसी हो योजना...पांडे.."विकास ने पांडे पे जोर देते हुए मीठे स्वर में कहा

"जी माई सेल्फ वेरी मच फाइन..."उसने नए लखनऊ की अंग्रेजी में जवाब दिया और आवास से कुछ कहने ही जा रही थी कि विकास उसे थोड़ा किनारे ले जाकर कहने लगा "अरे कहाँ लफंगों के मुँह लगती हैं आप...कोई भी काम हो इस शरीफ बन्दे से कहिये...ये सब तो छिछोरे लड़के हैं.. लड़की को बस एक ही.. समझीं न.. एक ही नजर से देखते हैं"

"हाँ हाँ और ये भाई तो इतने शरीफ हैं कि 'टिप टिप बरसा पानी..पानी ने आग लगाई' वाले गाने में भी रवीना टंडन को नहीं..बस अक्षय कुमार को ही एकटक देखते हैं" आवास ने थोड़ा जोर से मजा लेते हुए कहा आसपास ठहाके गूँज गए

योजना उसे अनसुना करते हुए अपनी आँखें चमका के मीठी आवाज में विकास से बोली "मुझे न..अम्मा ने..मतलब मम्मी ने..इसे टहलाने भेज दिया है...मुझे बहुत 'इंसल्टी' फील होती है... वो...क्या...आप हमारे टॉमी को जरा पॉटी करवा देंगे..हम यहीं आपका इंतजार करते हैं"विकास का मुँह उतर गया पर जनाब कहते क्या खुद ही आगे बढ़कर बोले थे तो बस उसके हाथ से पट्टा लेकर कुत्ते को लेकर जाने लगा

आवास जोर से हँसा और बड़ी अदब (बनावटी) दिखाते हुए उसके पास आकर बोला "जाइये बड़े नवाब साहब ...जरा कुत्ते को पाखाने खास घुमा लाइए हुजूर..तब तक आपकी बेगम साहिबा का ध्यान हम रखते हैं" कहकर वो योजना के पास आया और उससे पूछा "ठंडा पियेंगी आप...अभी उसे टाइम लगेगा...आइये उधर दुकान पे चलते हैं"

"हाँ पर आप अपने दोस्त का इतना 'जोक' क्यों उड़ाते हैं" कहकर वो आवास के साथ ठन्डे की दुकान की तरफ चलने लगती है

"वो क्या है मियाँ भूल गए हैं...ये यू पी है यहाँ योजनाबद्ध विकास कभी नहीं होता..(फिर मुस्कुराते हुए कहता है)..हाँ आवासीय योजनाएं खूब घोषित होती रहती हैं" कहकर वो दुकान वाले चचा से दो स्प्राइट माँगता है।

-तुषारापात®™