Friday 10 July 2015

वो अपना
पूरा बंधा एक दिन लेकर
खुल्ला कराने मेरे पास आता है
बस एक लम्हा
रोज मुझपे खर्च करके
अहसान जताता है
कि किसी
भिखारी के कटोरे में
एक बँधा नोट डालके
जैसे कोई
रेजगारी उठाता है।

-तुषारापात®™

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