Friday 28 August 2015

अनुवाद: रक्षा बंधन

"हाँ..कब आ रहा है तू...पता है तेरे लिए मैंने बहुत बढ़िया राखी ली है..और..और.तेरी मनपसंद बादाम गिरी वाली खीर....क्क्या...अरे..मगर कब..क्या यार..अब राखी पे भी तुझे तेरी कंपनी..चल फिर...रखती हूँ..." जितनी खुशी से चहकते हुए व्याख्या ने अनुवाद का नंबर देख कर अपना मोबाइल उठाया था उससे कहीं ज्यादा ही बुझे मन से उसने अपना मोबाइल पलंग पे पटक दिया

"क्या हुआ..मेरा प्यारा प्यारा लेक्चर..सुबह सुबह उदास क्यूँ है" सन्दर्भ ने व्याख्या के पीछे से आकर उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसकी एक लहराती लट को उसके कान के पीछे कर अपना गाल उसके गाल से सटा कर बोला

व्याख्या ने अपना सर उसके कंधे पे टिका दिया और अपना पूरा भार सन्दर्भ पे छोड़ते हुए बोली "अनुवाद कल राखी पे नहीं आ पायेगा..... उसकी कंपनी किसी अर्जेंट काम से उसे..ऑस्ट्रेलिया भेज रही है"

"हाँ भई..अब ऑस्ट्रेलिया की ट्रिप के आगे..कहाँ दीदी की याद रहेगी उस साSSS..ले..को" सन्दर्भ ने उसकी कमर पे एक छोटी सी चिकोटी काटी

"आह..आउच..अच्छा ये लो फिर.." व्याख्या ने उसके पेट पे अपनी कोहनी मारी सन्दर्भ की पकड़ ढीली हो गई दोनों पलंग पे गिर गए

"ऐसा नहीं है..अनुवाद को वाकई जरुरी काम होगा..और राईटर बाबू तुम भूल सकते हो मैं नहीं..कि हमारी शादी होने में अनुवाद और समीक्षा की कितनी हेल्प थी..खास तौर पे अनुवाद की..उसने ही पापा मम्मी को मनाया...जो बातें मैं तुम्हारे बारे में जानती थीं..मतलब तुम्हारे पॉजिटिव पॉइंट्स..पर उनसे नहीं कह पा रही थी अनुवाद ने वो सारे पॉइंट्स बहुत अच्छे तरीके से उन्हें समझाए..उसी ने पापा से कहा था कि पैसा बहुत जरुरी है..और वो दोनों मतलब भर का कमा भी लेंगे..पर अगर पैसा होते हुए भी..दीदी खुश नहीं रही तो किसी और से उसकी शादी कराने से क्या आपलोग खुश होंगे?" व्याख्या ने सन्दर्भ का हाथ अपनी हथेली में भरते हुए कहा

"हाँ भाई जानता हूँ..साला मेरा बहुत ही खुरापाती है..वैसे अगर ये आई टी इंडस्ट्री में नहीं जाता तो पक्का नेता होता..वैसे मजाक अपनी जगह..वो एक बहुत अच्छा भाई है और तुम्हें बहुत मानता है...हाँ.. थोड़ा बहुत मुझे भी...अच्छा अब ये बताओ ये जो...चाँदी की राखी लाइ हो इसका क्या करोगी" सन्दर्भ ने उसके दोनों हाथ जकड़ते हुए कहा

"वापस तो हो नहीं सकती...तुम्हें बाँध दूँगी..मेरी रक्षा करना...अपनी दुष्ट हरकतों से..ही ही ही ही.."व्याख्या ने थोड़ी मादकता शब्दों में घोली

"अच्छा बेटा...कल की तो कल देखेंगे...आज तुम्हारी मुझसे कौन रक्षा करेगा.." कहकर सन्दर्भ व्याख्या में विस्तार लेने लगा।

'एक भाषा से दूसरी भाषा के बीच का 'बंधन' है अनुवाद और एक अच्छा अनुवाद एक भाषा में उत्पन्न विचारों की दूसरी कई भाषाओं में 'रक्षा' करता है'

-तुषारापात®™