आँख में सबके है कुछ न कुछ जुरूर
आँसू,जादू,नींद,सपने,माशूक,गुरूर,सुरूर
#तुषारापात®
तुषार सिंह 'तुषारापात' हिंदी के एक उभरते हुए लेखक हैं जो सोशल मीडिया के अनेक मंचों पे बहुत लोकप्रिय हैं इनके लिखे कई लेख, कहानियाँ, कवितायें और कटाक्ष सभी प्रमुख हिंदी अख़बारों में प्रकाशित होते रहते हैं तथा रेडियो fm पर भी कई कार्यक्रमो के लिए आपने लिखा है। कुछ हिंदी फिल्मों के लिए आप स्क्रिप्ट भी लिख रहे हैं। आप इन्हें यहाँ भी पढ़ सकते हैं: https://www.facebook.com/tusharapaat?ref=hl
आँख में सबके है कुछ न कुछ जुरूर
आँसू,जादू,नींद,सपने,माशूक,गुरूर,सुरूर
#तुषारापात®
वो स्लम एरिया में जाता है पूरी बस्ती में घूम घूम कर ,वहाँ रहने वालों की जिंदगी की रेसिपी नोट करता है और रात को वापस लौट के अगले दिन का मेन्यू बनाने में लग जाता है,भूखे पेटों के किस्सों को चटपटा मसाला लगा के,भरे पेट वालों के सामने परोसने वाला वो कोई रसोइया नहीं,एक कहानीकार है।
-तुषारापात®