Wednesday 3 May 2017

आँख

आँख में सबके है कुछ न कुछ जुरूर
आँसू,जादू,नींद,सपने,माशूक,गुरूर,सुरूर

#तुषारापात®

सिक्सटी वर्ड्स स्टोरी

वो स्लम एरिया में जाता है पूरी बस्ती में घूम घूम कर ,वहाँ रहने वालों की जिंदगी की रेसिपी नोट करता है और रात को वापस लौट के अगले दिन का मेन्यू बनाने में लग जाता है,भूखे पेटों के किस्सों को चटपटा मसाला लगा के,भरे पेट वालों के सामने परोसने वाला वो कोई रसोइया नहीं,एक कहानीकार है।

-तुषारापात®