Thursday 18 June 2020

जेठ भी देवर की तरह मनचला निकला

धूप सख़्त न थी,आसमाँ से,मचलता सावन फिसला 
इस बरस, जेठ भी, देवर की तरह, मनचला निकला 

~#तुषारापात