चलते चलते कार का ए सी अचानक खराब हो गया,दोपहर का टाइम था तो धूप भी बहुत तेज थी,थोड़ी ही देर में विमल के सर से पसीना बहने लगा,वो बड़बड़ाने लगा "ये साले सर्विसिंग वाले भी...अच्छा खासा तैयार होके निकला था..पसीने ने सारे कपड़े खराब कर दिए"
सीतापुर में उसकी बिजिनेस मीटिंग है,अभी वो हाइवे पे पचीस तीस ही किलोमीटर चला था कि ए सी ने काम करना बंद कर दिया था वो पसीने से लथपथ था पर फिर भी कार के शीशे नीचे नहीं कर रहा था हाइवे पे उड़ती धूल और गाड़ियों के शोर से उसे बहुत कोफ्त होती थी।
"धत्त तेरे की..." अचानक लहराती कार को उसने किसी तरह संभाला कार थोड़ी दूर जाकर ही सड़क के किनारे लग पाई,वो दरवाजा खोल के टायर पे लात मारता है कार का अगला टायर पंचर था गुस्से से तमतमाया वो इधर उधर देखता है कि पता करे पंचर वाले कि दुकान कहाँ है हालांकि उसकी कार में स्टेपनी है पर उसे टायर बदलने का काम बहुत ही खराब लगता है और इस समय तो वो अपने साफ कपड़े बिल्कुल ही खराब नहीं करना चाहता था,वो देखता है जिधर वो जा रहा था उसी ओर थोड़ी दूर पे खप्पर पड़ी कोई चाय वाय की दुकान है,वो उस ओर भारी कदमों से चल देता है तेज धूप में चलते हुए जब वो दुकान पे पहुँचता है तो पसीने से पूरा भीगा होता है प्यास से उसका गला सूखने लगा था वो दुकान के पास पड़े सायकिल के एक टायर को देखते हुए उस चायवाले से पूछता है "क्यों..यहाँ आसपास कोई पंचर बनाने वाला है क्या..कार का पंचर..."
"इहाँ तो नाई..पर 'सर' इहाँ सेरे तकरीबन पन्द्रा किलोमीटर आगे पेटोल पंप परिहां हई" चाय वाले का जवाब सुनकर विमल का दिमाग और खराब हो गया उसने कहा "अच्छा पानी है?" उसके कहते ही चायवाले के यहाँ खड़ा एक 10-11 साल का लड़का झट से दौड़ के पास लगे हैण्डपम्प से पानी भरके के प्लास्टिक का मग उसके सामने रख देता है
"अरे बोतल वाला है?" विमल मग को दूर खिसकाते हुए चाय वाले से खीजते हुए पूछता है चायवाला उस लड़के को डाँटता है "तुम ससुरे के एक तउ इहाँ बेफालतू महियां खड़े राहत हो अऊर ग्राहकी कहियां अलग परेशान करत हउ" कहकर वो प्लास्टिक के नीले बक्से से बर्फ में दबी पानी की ब्रांडेड बोतल विमल के हाथ मे देता है विमल जल्दी से गटागट करके आधी बोतल खींच के पी जाता है और उस लड़के से कहता है "जरा चलके मेरे साथ टायर बदलवा देगा..पैसे दूँगा" लड़का तुरंत तैयार हो जाता है और दुकान पे अपने साथ लुढ़का के लाये उस सायकिल के टायर को उठा के कहता है "चलऊ"
विमल एक और पानी की बोतल खरीदता है और दोनों बोतल पकड़े हुए विमल और वो लड़का सायकिल का टायर पकड़े पकड़े कार की ओर चलने लगते हैं,कार के पास पहुँच के विमल हाथ मे पकड़ी पानी की बोतलें कार की सीट पे रख,डिग्गी खोल के स्टेपनी और जैक वगैरह निकाल के बाहर रखता है और अनमने मन से पंचर टायर के नट खोलना शुरू कर देता है बीच बीच में वो अपनी पैंट भी बचाने की कोशिश करता जाता है पास खड़ा लड़का उसे देखता है तो एक झटके में अपनी बुशर्ट उतार के सायकिल के टायर पे डालता है और नट खोलने वाले पाने की रॉड पे खड़े हो होकर नट खोलने लगता है किसी तरह दोनों मिलके टायर बदल लेते हैं,जैक वगैरह कार की पिछली सीट पे फेंकने के बाद पसीने से लथपथ विमल पानी की बोतल उठाता है और लड़के की तरफ देखता है लड़का भी पसीने से भीगा हुआ था वो बड़े मजे से अपनी बुशर्ट से अपना बदन पोछ रहा होता है विमल उससे पूछता है "पानी लोगे" और उसकी ओर पूरी भरी वाली बोतल और बीस का नोट बढ़ाता है
लड़का पसीने से भीगी शर्ट पहन चुका होता है उसे प्यास लगी थी वो बोतल और नोट झट से पकड़ता है नोट अपनी निक्कर में डाल वो बोतल झुका कर अपने हाथ से चुल्लु बना पानी पीना शुरू करता है और तुरंत ही रुक जाता है "उरे...यउ पानी तो बिल्कुलई बेस्वाद हई..यउ तउ अब अपने कहियां ए सी बनहिए" यह कहकर वो बोतल में बचा पानी अपने सर के ऊपर डाल लेता है और खाली बोतल से साइकिल के टायर को लुढ़काते हुए पानी से भीगी शर्ट और भीगे बाल उड़ाता चाय की दुकान की ओर दौड़ जाता है
विमल कुछ देर केलिए उसे बस देखता ही रह जाता है,पानी पीता है और अपनी शर्ट का ऊपरवाला एक बटन खोलता है,दोनों आस्तीनों के बटन खोल के ऊपर मोड़कर,कार में बैठता है और कार स्टार्ट कर, आगे बढ़ा देता है,थोड़ा सा चलने पर वो लड़के के पास पहुँच जाता है,लड़का लुढ़कते टायर पर बोतल मार के चहकते हुए हॉर्न की आवाज की नकल करता है "पों..पो.."
विमल उसे देख के मुस्कुराता है उसकी कार उस एयर कंडिशन्ड लड़के के एक चक्रीय वाहन को क्रॉस करके आगे बढ़ने लगती है इस बार उसकी कार के शीशे उतरे हुए हैं और पसीने से भीगे होने के कारण बाहर की गरम हवा उसे ठंडक पहुँचा रही है।
-तुषारापात®