Tuesday 16 May 2017

तू मुझमें

कई बार
ये होता है
तू मुझमें
छुपा होता है
आईने में होती है
जो सूरत
उसकी आँखों में
तू दिखाई देता है

लबों के
हिलने से
अपना
लेने से
एक कान को तेरा
एक को मेरा
नाम
सुनाई देता है

कई बार
चौंक चौंक जाता हूँ
जब अपने चेहरे पे
हाथ फिराता हूँ
समझ में नहीं आता
तू मुझको
या मैं तुझे
छुआई देता हूँ

होता है
यूँ अपने भी साथ
कई बार
होता हूँ खाली हाथ
लहू बेच के
मगर तेरी तस्वीर पे
चढ़ा फूलों की
कमाई देता हूँ।

-तुषारापात®