Friday 11 December 2015

ऐ मकड़ी जरा चलके दिखा

"ए मकड़ी ..चलके दिखा"-खचाखच भरे कोर्ट में वकील साहब ने अपनी मध्यम लेकिन सधी हुई आवाज में अपने हाथ में पकड़ी एक टेरेंटुला मकड़ी (आम मकड़ियों से काफी बड़ी होती है ) को जमीन पे छोड़ते हुए उससे कहा और उनका कहना मान कर मकड़ी चलने लगी अभी मकड़ी जरा सी ही चली थी कि वकील साहब ने दस्ताने पहने अपने दोनों हाथों से उसे फिर पकड़ लिया और जज साहब से बोले-"जज साहब...देखा आपने...मकड़ी पूरी तरह स्वस्थ है और मेरी बात सुनकर चल भी रही है" जज ने भी हामी भरी

अब वकील साहब ने मकड़ी की आठ टाँगों में से बायीं तरफ की सबसे आगे वाली एक टाँग तोड़ दी और उसे जमीन पे छोड़ने से एक सेकंड पहले बोले-" मकड़ी चल के दिखा" मकड़ी अपना एक पैर टूटने के कारण दर्द में थी और डर में भी तो तेजी से भागी पर वकील ने इस बार भी उसे पकड़ लिया और जज की तरफ देख के मुस्कुराया जज ने सहमति में सर हिलाया

अब वकील ने मकड़ी की दायीं तरफ वाली एक टाँग तोड़ दी और कहा -"मकड़ी रानी..चल के तो दिखा" मकड़ी इस बार भी चली मगर थोड़ा सहम के, जज साहब और आम लोग पूरी प्रक्रिया बड़े ध्यान से देख रहे थे

वक़ील ने ऐसा अगले पाँच बार और किया हर बार मकड़ी की एक टाँग तोड़ता गया और मकड़ी से कहता रहा कि मकड़ी चलो और मकड़ी किसी तरह चली भी आखिर में मकड़ी की एक टाँग बची तब वक़ील ने उससे कहा-"ए मकड़ी चलके दिखा" मकड़ी की एक ही टाँग बची थी फिर भी वो दर्द से छटपटाते हुए अपनी जगह से थोड़ी सी हिली

इसके बाद वकील ने मकड़ी को अपने हाथ में उठाया और जज से बोला- "जज साहब..अब वो पल आ गया है..जिसके लिए मैंने इतना खेल दिखाया है प्लीज अब जरा और ध्यान से देखियेगा" ऐसा कहकर उसने मकड़ी की आखिरी टाँग भी तोड़ दी उसे जमीन पे छोड़ा और कहा-"प्यारी मकड़ी..जरा चल के दिखा" मकड़ी अपनी जगह पे पड़ी रही उसने फिर थोड़ा जोर से उससे कहा-" ए मकड़ी जरा सा चल के तो दिखा" कोर्ट में पिन ड्राप साइलेन्स था सारे लोगों की नजरें जमीन पे थीं पर मकड़ी नहीं चली

वकील इस बार बहुत जोर से चिल्लाया और चिल्लाता ही गया "अरे ए मकड़ी..तू चलती क्यों नहीं..चल..जरा सा तो चल..चल्लल्लल्ल...." पर मकड़ी न चली और वो जज की तरफ देख के गर्व के साथ मुस्कुराया और दैट्स आल मीलॉर्ड बोल के अपनी कुर्सी पे बैठ गया सारे लोग सांस रोके जज की तरफ देख रहे थे

जज साहब ने अपना फैसला सुनाया-"सारी प्रक्रिया को बहुत गौर से अपने सामने देखने के बाद अदालत इस निर्णय पे पहुँची है कि मकड़ी की आठों टाँगे तोड़ देने पर वो बहरी हो जाती है।"

-तुषारापात®™
© tusharapaat.blogspot.com