ये तो
तुम जानते ही होगे
कि
धनुष की डोरी
खींचने और छोड़ने से
तीर
निशाने पे जा लगते हैं
और ये भी
सब जानते ही हैं
कि
आँख के धनुष से
छोड़े गए
नजर के टेढ़े तीर भी
दिलों पे सीधे सीधे लगते हैं
मगर
क्या तुम ये जानते हो
कि
नजर के तीर भला
किस डोरी से चलते हैं
अभी अभी
दिल मेरा
ताजा ताजा
निशाना बना है
मेरे सामने बैठी उसने
बार बार
चेहरे पे आतीं
अपनी लटें
कानों पे चढ़ा के
हर बार मुझे देखा है।
~तुषारापात®