अजब है बंदगी तेरी
तू पहले ही घर में दस्तक दिया करता है
दो कदम चल के तो देख
उस बंद गली के
आखिरी मकाँ का दरवाजा खुला रहता है
-तुषारापात®™
© tusharapaat.blogspot.com
तू पहले ही घर में दस्तक दिया करता है
दो कदम चल के तो देख
उस बंद गली के
आखिरी मकाँ का दरवाजा खुला रहता है
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