Thursday, 30 August 2018

प्रार्थना: ईश्वर के प्रति विद्रोह

अनंत
महासागर किनारे बैठना
और माँगना
अपनी तृप्ति का वरदान

मीठी
नदियां मिलीं हैं आकर
सोचना
शर्करा का होगा निर्माण

उठ
सागर से नमक बना
नदियाँ बाँध प्यास बुझा
अकर्मी का उससे विछोह है

प्रार्थना
सृष्टि की अपूर्णता
के लिए
ईश्वर के प्रति विद्रोह है।

~तुषारापात®

सामने से पीठ में खंजर?

सामने से?
पीठ में ख़ंजर खाया था?
हाँ!
एक बार उसे
गले लगाया था।

~तुषारापात®