तुम करार दो
अब न इंतज़ार हो
तुम करार दो
वो सुबह तो आए तारों की छाँव में
तुम विदा करा ले जाओ अपने गाँव में
मैं कुँवारी माटी तुम कुम्हार हो
अब न इंतज़ार हो
तुम करार दो
चाँद की अंगीठी पे ख्वाब के पतीले
भाप चाँदनी की करे नयन गीले
बिगड़ी रात को मेरी अब संवार दो
अब न इंतज़ार हो
तुम करार दो
कबसे जल रही थी मैं इस आग में
कोई चिंगारी नहीं अब राख में
मेरे भगीरथ तुम गंगा उतार दो
अब न इंतज़ार हो
तुम करार दो..............
#तुम_पुकार_लो #फीमेल_वर्जन
-तुषारापात®