Sunday 24 September 2017

तुम करार दो

तुम करार दो
अब न इंतज़ार हो
तुम करार दो

वो सुबह तो आए तारों की छाँव में
तुम विदा करा ले जाओ अपने गाँव में
मैं कुँवारी माटी तुम कुम्हार हो
अब न इंतज़ार हो

तुम करार दो

चाँद की अंगीठी पे ख्वाब के पतीले
भाप चाँदनी की करे नयन गीले
बिगड़ी रात को मेरी अब संवार दो
अब न इंतज़ार हो

तुम करार दो

कबसे जल रही थी मैं इस आग में
कोई चिंगारी नहीं अब राख में
मेरे भगीरथ तुम गंगा उतार दो
अब न इंतज़ार हो

तुम करार दो..............

#तुम_पुकार_लो #फीमेल_वर्जन
-तुषारापात®