Monday 29 June 2020

पाठकों का सुरुर, कलम क्यों मगरूर

सुरुर तुममें है, नशीली बात, न मेरी क़लम से निकले
मेरी हस्ती है राख सी, जो तुम्हारी, चिलम से फिसले

अपने सभी पाठक-पाठिकाओं के लिए🙏
~#तुषारापात