इस वन में बसन्त कभी,कभी पतझड़ा होता है
पर सावन में गिरे पत्तों का दर्द पौष में हरा होता है
-तुषारापात®
तुषार सिंह 'तुषारापात' हिंदी के एक उभरते हुए लेखक हैं जो सोशल मीडिया के अनेक मंचों पे बहुत लोकप्रिय हैं इनके लिखे कई लेख, कहानियाँ, कवितायें और कटाक्ष सभी प्रमुख हिंदी अख़बारों में प्रकाशित होते रहते हैं तथा रेडियो fm पर भी कई कार्यक्रमो के लिए आपने लिखा है। कुछ हिंदी फिल्मों के लिए आप स्क्रिप्ट भी लिख रहे हैं। आप इन्हें यहाँ भी पढ़ सकते हैं: https://www.facebook.com/tusharapaat?ref=hl
इस वन में बसन्त कभी,कभी पतझड़ा होता है
पर सावन में गिरे पत्तों का दर्द पौष में हरा होता है
-तुषारापात®
सर्द मौसम में उभर आते हैं जून के हल्के दर्द भी
और ये चोट तो दिसम्बर की है न जाने कितना पिराएगी
-तुषारापात®