मुझे
अच्छा लगता है
ऐसी कविताएं लिखना
जिनमें
पूरी कविता का सौंदर्य
उतर के आये, उभर के आये
अंतिम पंक्ति में,किंतु
प्रकाशक माँगता है
मुझसे
प्रथम पंक्ति में ही
काव्य का सारा सौंदर्य
लोग
मुख का तेज देखकर ही
पैर छूने को झुकते हैं।
~तुषार सिंह #तुषारापात®