Sunday 30 April 2017

लव स्टोरी

"हेलो..एक्सक्यूज़ मी...ये तुम्हारा रुमाल..वहाँ..शायद तुमसे गिर गया था" राजीव चौक मेट्रो पे लड़के ने दौड़के आगे जाती लड़की के पास जाकर कहा

लड़की रुमाल लेती है और कहती है "हम्म..'शायद'..नहीं नहीं...जानबूझकर..ताकि इतनी भीड़ में मैं देख सकूँ कि कौन कौन मेरा रुमाल गिरता हुआ देखता है.."

लड़की के इस अटपटे से उत्तर से लड़का बौखला जाता है "अरे.. मतलब..मैंने देखा तो..."

"देखा तो क्या..इसका मतलब तुम पहले से मुझे देख रहे थे..तभी तुम्हें मेरा रुमाल गिरता दिखा..." लड़की ने उसकी बात काटते हुए कहा "

"यार कमाल है...एक तो भलाई करो..और ऊपर से बातें सुनो..हद है.." लड़का भी गुस्से में आ गया

"भलाई..भलाई क्या..तुम लड़के..पहली ही मुलाकात में रुमाल देकर ये बता देते हो..कि देखो मैं तुम्हें आगे जाकर खूब रुलाने वाला हूँ..तो अभी से ये रुमाल रख लो" लड़की ने गुस्से से उसके मुँह पर रुमाल फेंका और वहाँ से चल दी

लड़के ने गुस्से से चीख के कहा "गो टू हेल" और रुमाल फेंकने जा ही रहा था कि रुमाल पे उसे कुछ लिखा हुआ दिखता है वो पढ़ता है " जहाँ पे मैं खड़ी थी..मेरे बाजू में एक बूढ़े अंकल ने भी रुमाल गिराया था..पर तुम्हें मेरा ही रुमाल गिरते दिखा...भीड़भाड़ वाली जगहों पे बुजुर्गों की मदद किया करो..सबसे अच्छी भलाई यही होगी...और हाँ ये रुमाल वो नहीं है जो तुमने उठा के दिया था..रुमाल मैंने बदल दिया है...स्माइल यू आर ऑन कैमेरा"

आजकल के जमाने में रुमाल गिरने और उठाने से लव स्टोरी नहीं बल्कि बकरा या बकरी बनते हैं।

-तुषारापात®