हजारों फॉलोवर्स ऐसे कि हर फॉलोवर पे दम निकले
बहुत निकले उनके लाइक्स मगर फिर भी कम निकले
कहाँ मोटी आँटी की लंगड़ी कविता और कहाँ बुद्धिजीवी
बस इतना जानते हैं वहाँ भी तुम्हारे दो दो कमेंट निकले
निकलना हाई कमिश्नरों का सुनते आए हैं दुश्मन देशों से
बड़े ब्लॉक हो के तेरी फ्रेंड लिस्ट से बाहर हम निकले
फेसबुक पे नहीं है लुत्फ अब साहित्य लिखने का
उसी को लोग पढ़ते हैं जो इंस्टा-गरम निकले
खुदा के वास्ते अँगूठा न पोस्ट पे लगा तुषार
कहीं ऐसा न हो यहाँ भी आधार का भरम निकले
~तुषारापात®