Friday 26 July 2019

साँप सीढ़ी: चाँद के पासे में छह आया है

चाँद को रोज वो एक
नए तरीके से फेंकता है
और एक सितारे से
कुछ सितारे मैं फाँद जाता हूँ

कभी लगती है सीढ़ी तो
कोई कहानी चुरा लाता हूँ
और जो डस लेती है रात
तो तुम्हें कविता सुनाता हूँ

जब छुपा लेता है अपना पासा वो
सात ऋषियों के पास बैठ जाता हूँ
वो जानते हैं अमावस है
और कुंडली बनाने यह आया है

रात के चार बजे
सुबह हो जाती है
मैं दस बजे सो के उठूँगा
चाँद के पासे में छह आया है।

~तुषार सिंह #तुषारापात®