Friday 22 September 2017

मिली

बड़ी मिली जुली है ये जिंदगी जिंदगी
है उलझी कहीं तो कभी सुलझी सुलझी

कभी उड़ती रेत सी,बड़ी सूखी प्यासी
आँसूओं को पीती
कभी तर होकर,मन को बो कर
नई उमंगें जीती
कई रूप हैं,धूप है बदली बदली

बड़ी मिली जुली है ये जिंदगी जिंदगी....

कभी मैं ना जीती,कहीं न मैं हारी
पड़े पासे जैसे
इसके भंवर में , हथेली के चौसर पे
बिछे तारे ऐसे
बाजी है किस्मत की ये लगी लगी न लगी।

बड़ी मिली जुली है ये जिंदगी जिंदगी .....

#बड़ी_सूनी_सूनी_है(फीमेल_वर्जन) #मिली
-तुषारापात®