इसरो'ज हम न सफल हुए
पर हँसने वाले यह ध्यान रहे
हमने मंगल को एक बार में जीता
सूरज को निगलने वाले हनुमान रहे
#तुषारापात®
तुषार सिंह 'तुषारापात' हिंदी के एक उभरते हुए लेखक हैं जो सोशल मीडिया के अनेक मंचों पे बहुत लोकप्रिय हैं इनके लिखे कई लेख, कहानियाँ, कवितायें और कटाक्ष सभी प्रमुख हिंदी अख़बारों में प्रकाशित होते रहते हैं तथा रेडियो fm पर भी कई कार्यक्रमो के लिए आपने लिखा है। कुछ हिंदी फिल्मों के लिए आप स्क्रिप्ट भी लिख रहे हैं। आप इन्हें यहाँ भी पढ़ सकते हैं: https://www.facebook.com/tusharapaat?ref=hl
इसरो'ज हम न सफल हुए
पर हँसने वाले यह ध्यान रहे
हमने मंगल को एक बार में जीता
सूरज को निगलने वाले हनुमान रहे
#तुषारापात®
"मुझे चाँद ताकना बहुत पसंद है...बड़ी ठंडक मिलती है..लोग चाँद के धब्बों पर कुछ भी कहें पर मुझे तो ये किसी की गई खूबसूरत कारीगिरी लगती है.. देखो कितना सुंदर लग रहा है पूर्णिमा का चाँद!"
"सुन्दर तो दोपहर का सूरज होता है जो अपने पूरे शबाब पर होता है.. पर कोई उससे जलके छुरा मार जाता है और वह दर्द से ढुलकने लगता है.. शाम को देखो कैसे लहूलुहान सूरज की लाली पूरी धरती पर फैल जाती है.. पर किसे फर्क पड़ता है..लोग शाम होने का जश्न मनाते हैं.. मैं चाँद नहीं देखता कभी... मुझे वह उसी खंज़र की मूठ लगता है जिसे सूरज की पीठ में घोंपा गया था.. और मैंने देखा है कि जानलेवा खंजरों की मूठ पे बहुत खूबसूरत नक्काशी हुई होती है।"
~तुषार सिंह #तुषारापात®
( मेरी लंबी कहानी 'बेवफ़ाई से)