Friday 13 July 2018

बारिश

सब्र की छत पे शायद अब पानी मरने लगा है
बारिशों से दीवारों पे उसका चेहरा बनने लगा है

#तुषारापात®

दीवारों के कान

दीवारों के
मुँह नहीं होते
तो बात फैलती कैसे है?

आदमी को बाँट के
खुद मिल के
दो दीवारें
एक हो जातीं हैं

मेरे कमरे की
दीवार का दूसरा कान
पड़ोसी के कमरे में लगा है

दीवारें
एक कान से सुनतीं
और दूसरे से निकाल देतीं हैं

दीवारों के
मुँह नहीं होते
तो बात फैलती ऐसे है।

#तुषारापात®