वो स्लम एरिया में जाता है पूरी बस्ती में घूम घूम कर ,वहाँ रहने वालों की जिंदगी की रेसिपी नोट करता है और रात को वापस लौट के अगले दिन का मेन्यू बनाने में लग जाता है,भूखे पेटों के किस्सों को चटपटा मसाला लगा के,भरे पेट वालों के सामने परोसने वाला वो कोई रसोइया नहीं,एक कहानीकार है।
-तुषारापात®
No comments:
Post a Comment