तुषार सिंह 'तुषारापात' हिंदी के एक उभरते हुए लेखक हैं जो सोशल मीडिया के अनेक मंचों पे बहुत लोकप्रिय हैं इनके लिखे कई लेख, कहानियाँ, कवितायें और कटाक्ष सभी प्रमुख हिंदी अख़बारों में प्रकाशित होते रहते हैं तथा रेडियो fm पर भी कई कार्यक्रमो के लिए आपने लिखा है। कुछ हिंदी फिल्मों के लिए आप स्क्रिप्ट भी लिख रहे हैं।
आप इन्हें यहाँ भी पढ़ सकते हैं: https://www.facebook.com/tusharapaat?ref=hl
Friday 31 August 2018
उनचास लफ्ज़ उनवाने इश्क
कमरे के दरवाज़े बंद थे,खटखटा के अमृता ने कहा "क्या तेरे दरवाज़े पे हमें भी दस्तक देकर आना होगा"
उन्होंने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला "आम सी लकड़ी है मगर तुम आते जाते यूँ ही छू दिया करो..साहिर..इसी के संदूक में एक रोज दुनिया से रवाना होगा।"
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