अपनी पूरी दावात उड़ेल कर
खुदा ने नीले आसमान को स्याह किया
फिर चमकती कलम से कुछ लिख दिया
हाँ तुम्हें यकीन नहीं होगा
मगर ये चाँद तारे उसकी ही लिखावट हैं
मैं पढ़ता हूँ इन्हें हर्फों और लफ़्ज़ों की तरह
किसी रात जब आसमान साफ़ हो
मेरे साथ बैठना
नक्षत्रों की इबारतें तुम्हारी हथेली में दिखा दूँगा
तुम्हारा नसीब बता दूँगा
अपना नसीब बना लूँगा।
-तुषारापात®™
© tusharapaat.blogspot.com
खुदा ने नीले आसमान को स्याह किया
फिर चमकती कलम से कुछ लिख दिया
हाँ तुम्हें यकीन नहीं होगा
मगर ये चाँद तारे उसकी ही लिखावट हैं
मैं पढ़ता हूँ इन्हें हर्फों और लफ़्ज़ों की तरह
किसी रात जब आसमान साफ़ हो
मेरे साथ बैठना
नक्षत्रों की इबारतें तुम्हारी हथेली में दिखा दूँगा
तुम्हारा नसीब बता दूँगा
अपना नसीब बना लूँगा।
-तुषारापात®™
© tusharapaat.blogspot.com
No comments:
Post a Comment