Tuesday 15 September 2015

शक्कर का टुकड़ा और चींटे

सुबह सुबह
चाय बना रहा हूँ
शक्कर का एक टुकड़ा
चम्मच से छिटक कर
जमीं पे गिर गया
चार पाँच चींटे
उस टुकड़े के पास चक्कर काटने लगे
और चीनी के उस टुकड़े को
खींचते हुए कहीं ले गए
ऐसा ही कुछ देखा था
कल शाम बस स्टॉप पे
जब ऑफिस से लौट रहा था
चाय बन गई है
चुस्कियों के साथ
अखबार का तीसरा पन्ना पढ़ रहा हूँ
'बस स्टॉप के पास बलात्कार!'

-तुषारापात®™
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