Thursday, 27 August 2020

मुझे विधाता है बनना

मैं छपूंगा कहीं?
नहीं! नहीं!
मैं रचूंगा ऋचाएं 

और 
तुम्हारे कानों में 
युगों युगों के लिए 
घुल जाऊँगा 

मैं
नये कल्प के 
आरम्भ में 
तुम्हें वेद सुनाऊंगा

नहीं! 
मुझे इस कल्प में 
कहीं नहीं है छपना
इस कल्प के अंत तक 
मुझे विधाता है बनना 

~#तुषारापात

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