Thursday 11 April 2019

कौन कहता है रो रहा हूँ मैं

हक़ीक़त का एक ज़र्रा आँखों में आ गिरा है
पलकें दौड़ रहीं हैं बहते ख़्वाब पकड़ने को

~तुषारापात®

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