Friday, 14 December 2018

त्रिवेणी

छोड़ जाने वालों के नाम बुदबुदाने से
जान बच गई मगर होठ नीले पड़ गए

सांप काटे का अब वो जानता है मंतर

(पहली पंक्ति के साथ तीसरी पंक्ति पढ़िए और दूसरी पंक्ति के साथ तीसरी पंक्ति पढ़िए दो शे'र मिलेंगें बाकी त्रिवेणी तो है ही)
~तुषारापात®

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