Tuesday 30 October 2018

कुँआ

कुँए के साथ
यही होता है
प्यासा आता है
प्यास बुझाता है
चला जाता है
कुँआ
बाल्टी की चोट से उठी
उथल पुथल संभालता
कराहता ये सुनता रह जाता है
घमंडी कुँए तू
प्यासे के पास नहीं जाता है।

~तुषारापात®

1 comment:

  1. Satya ke prakash se aham ke andhkar ka nash ho ...Wishing u a happy and prosperous deepawali ....��कुआं कभी प्यासा नही होता जो खुद साध्य है उसे साधन की आवश्यकता नही होती ।चंद्रमा अपनी दशा अब बदल रहा है

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