आसमाँ पे चिपका है
एक गोल पोस्टर
बुढ़िया वांटेड है जो चरखा कातती है
रात काली पिस्तौल है
सन्नाटे का साइलेंसर लगा के
ख्वाबों को दागती है
दिल का फ्यूज
बार बार उड़ता है
कोई कोई ही सही करंट मारती है
प्यार के दाग अच्छे हैं
सफेद शर्ट को लिपस्टिक
आँख मारती है
दिल बड़ी 'चीज' है क्या
बड़े नाखूनों वाली उँगलियाँ
डबल चीज़ पिज्ज़ा रोज काटतीं हैं
उसके दाँत हैं
टाइपराइटर के फॉन्ट
लफ्ज़ छपते हैं मेरे गालों को जब काटती है
मेरी किस्मत
यूँ ही नहीं चमकी है
लेखनी रोज सितारों को स्कॉच ब्राइट से माँजती है
अच्छा लिखता है 'तुषार'
मगर कमेंट तुम वहीं करना
जो रोज़ एक नई फोटो डालतीं हैं
#तुषारापात®
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