Monday, 28 May 2018

ज़मज़म

पहाड़ पे आबे ज़मज़म देखा
उसके तकिये को नम देखा

*आब-ए-जमजम = मक्का के कुएं का पानी
~तुषारापात®

Saturday, 26 May 2018

हज़ारदास्ताँ

हज़ार अफ़साने हैं तुझ हज़ारदास्ताँ के
अव्वल तू वो सुना जहाँ से शामिल मैं हूँ

~तुषारापात®

Friday, 25 May 2018

स्ट्रीट लाइट और ईसा

रोशनी देने वाले टांग दिए जाते हैं खम्बों पे
स्ट्रीट लाइट दिखतीं हैं मुझे ईसा की तरह

~तुषारापात®

Tuesday, 22 May 2018

स्वाहा

देवताओं के लिए स्वाहा और राइटरों के लिए वाह वाह बहुत जरूरी है।

~तुषारापात®

Friday, 18 May 2018

लबों का पानदान इश्क का बीड़ा कत्थई आँखें लग गया चूना

लबों के पानदान से इश्क का बीड़ा चखाते हैं
वो अपनी कत्थई आँखों से खूब चूना लगाते हैं

~तुषारापात®

Wednesday, 16 May 2018

चचा गुस्ताख़ी मुआफ़

मुहब्बत में नहीं है काम अमित शाह होने से
उसी को अक्लमंद कहते रहेंगें भले राहुल गाँधी सनम निकले

-तुषारापात®

Monday, 14 May 2018

डी वी डी

ख़्वाब अटके हैं रात की स्क्रीन पे
चाँद की डी वी डी पे स्क्रैच बहुत हैं

~तुषारापात®

Thursday, 10 May 2018

चाँद के सितारे खराब हैं

उधार की रोशनी पे है चमकता
चाँद के जरूर सितारे खराब हैं

#तुषारापात®

Tuesday, 8 May 2018

शायर

वो शायर है नहीं मानेगा कि उसपर कंगाली है
जेब मे कलम लगा के कहेगा कि कहाँ खाली है

#तुषारापात®

शर्ट की जेब

जेब,तेरी ज़िन्दगी की तरह,पहले से ही खाली थी
और 'तुषार',ऊपर से तूने इसमें,कलम और लगा ली

#तुषारापात®

Sunday, 6 May 2018

कंदील

खाक के तेल से रौशन कंदील
मेरे चाँद से आज मुकाबिल है
जो जलता है आसमाँ के सीने में
वो सूरज नहीं हमारा दिल है

#तुषारापात®

Saturday, 5 May 2018

जनहित में जारी

लगा रहें हैं पोछा घर का फर्नीचर उठा उठा के
इतरा रहा है इतवार इश्क का शनिश्चर चढ़ा के

~तुषारापात®

Friday, 4 May 2018

हार जीत

तुम्हें
हराने की कोशिश
खामख्वाह न थी

ये
साजिश थी
तुम्हें जिताने की

तुम्हें
हार पहना के
तो लाए हैं

मगर
ये जीत है
ऐसी हमारी

तुम्हारे
नाम के 'पीछे'
अपना नाम लगाने की

~तुषारापात®

Thursday, 3 May 2018

शख़्सियत 2

मेरी शख़्सियत को चुराने में जिन्हें ज़माने लगे
वो अक्स मेरे अब मुझे ही आईना दिखाने लगे

#तुषारापात®

शख़्सियत 1

मुझसे बड़ी अपनी शख़्सियत बताने लगे
अक्स मेरे मुझे ही आईना दिखाने लगे

#तुषारापात®