Tuesday 22 August 2017

फतवा

रोज नज़र आता था,आज नहीं आया
चाँद पे जारी हुआ किसी सरफिरे का फतवा है

अमावस नहीं,ये बुरके से किसी ने इसे ढका है

-तुषारापात®

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