Monday, 31 July 2017

पाउडर

आसमाँ की पीठ पे
फेरो जो हाथ
तो दरदारती हैं
सितारों की पट्टियाँ

रात को चमकते हैं
गुनाह सूरज के
धूप से हुईं हैं ये
आसमाँ को घमौरियाँ

चाँद के डब्बे से
कोई पाउडर लगाता है
आसमाँ की पीठ पे
छाईं हैं सुफेद बदलियाँ।

-तुषारापात®

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