युक्ति भक्ति और शक्ति में
नहीं रहा द्वंद्व
कलियुग में कृतयुग की
कथा का संबंध?
शक्ति से भक्ति का
रच सकता जो प्रपंच
चाटुकारिता की युक्ति से
तोड़े वो सब बन्ध
आदर्शों के वचनों को
कहने वाला तू
एकाकी कर दिया जाएगा
आकाश की ओर
क्या ताकता?
वह पहले ही से
कथा वाचता
कर रमा-रमापति की परिक्रमा
उमा-नंदन प्रथम पूजन पाते हैं
पूरी पृथ्वी मापित करने वाले
कार्तिकेय श्रापित से रह जाते हैं।
-तुषारापात®
No comments:
Post a Comment