Saturday 9 July 2016

मलाई की गिलौरी

"देख बहु...तू नई नई आई है...इन नौकरों को ज्यादा सर पे मत चढ़ाना...सुवरिया का बाल होता है इनकी आँखों में"सासू माँ ने अंतरा को गृहस्थी की बागडोर सौंपते हुए नसीहत दी

"जी मम्मी जी" अंतरा ने हामी भरी

"और सुन ये लक्ष्मी से एक टाइम खाने की बात हुई है...जो भी बचा-खुचा हुआ करे दे दिया करना उसको...हाँ पहले बर्तन और पूरा झाड़ू पोछा करवा लिया करना...बहुत नालायक है एक काम ढंग से नहीं करती कम्बख्त" सासू माँ ने काम निकलवाने की तकनीक समझाई,अंतरा ने हाँ के अंदाज में सर हिलाया और उनके पैर छूकर उन्हें तीर्थ यात्रा पे विदा किया

अब आज से खाना बनाना और नौकरों से काम करवाने के सारे काम-धाम उसके जिम्मे हो चुके थे पंद्रह दिन में ही उसने पूरे घर का काया कल्प कर दिया,सबके पसंद का खाना घर में बनने लगा वो भी बिना खाना बर्बाद हुए और लक्ष्मी भी अपना काम अब अच्छे से करने लगी

"अरे अंतरा...ये क्या लक्ष्मी के आते ही तू उसे खाना दे देती है...वो भी आज का बना ताजा खाना.." सासू माँ तीर्थ से लौट चुकी थीं और आज पहली बार बदली हुई व्यवस्था और चमकते हुए घर को देख रहीं थीं

"हाँ मम्मी जी...बेचारी धूप में..थकी हुई और भूखी प्यासी आती है...खाना खिला दो तो.. फ्रेश मूड से खुशी खुशी मन लगाकर सारे काम अच्छे से करती है.."अंतरा ने मुस्कुराते हुए कहा

"पर उसे ताजा खाना देने की क्या जरूरत है...बासी बचा खाना बेकार जाएगा...मेरे बेटे की कमाई बर्बाद कर रही है तू तो"सासू माँ ने नकली चिंता में अपना पक्ष लपेट कर पेश किया

"मम्मी जी...खाना उसी हिसाब से बनाती हूँ कि ज्यादा खाना बेकार न् जाए...और...जब खाना सबके मन का बनता है तो बचता भी बहुत कम है ..अगर.थोड़ा बहुत बचता है तो हम सब मिलके उसे खत्म कर लेते हैं..लक्ष्मी को भी दे देते हैं...अब जब लक्ष्मी को रोज खाना खिलाना ही है...तो.. जबरदस्ती खाना ज्यादा बना के उसे एक दिन का बासी खिलाने से अच्छा है.. घरवालों की तरह उसका भी खाना ताजा ही बना लिया जाए" अंतरा ने उनके हाथ में एक प्लेट देते हुए कहा जिसमे मलाई की गिलौरी (लखनऊ की मशहूर मिठाई) के दो पीस थे

"अच्छा सुन...ये गिलौरी बहुत जल्दी खराब हो जाती है...सबको आज ही खिला देना...फ्रिज में रखने पर भी कल तक इनका मजा मर जायेगा"

"मम्मी जी...पर ये तो बहुत सारी हैं...सबके खाने के बाद भी बचेंगी" फिर उसने प्रश्नवाचक मगर मुस्कुराती नजरों से उनसे पूछा "नौकरों को आज ही दूँ...या......"

सासू माँ के चेहरे पे एक जोर की मुस्कान आ गई "तू तो मेरी सास हो गई है" कहकर खिलखिलाते हुए उन्होंने एक गिलौरी अंतरा के मुँह में भर दी।

-तुषारापात®™

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