"जो बिकता है वो लिखिए
बेवजह कानून मत छौंकिए"
आज अगर महाकवि 'निराला' भी होते तो उन्हें भी अपनी कविता
'वो तोड़ती पत्थर
देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर'
(जिन्होंने पढ़ी होगी वो जानते होंगे इस कविता का मोल, जिसने न पढ़ी हो तो पढ़ लीजिये मातृभाषा हिंदी पे थोडा अहसान तो कर ही सकते हैं न ) लिखते तो उन्हें भी कुछ यूँ लिखना पड़ता :
'वो भेजती sms टाइपकर
देखा उसे मैंने एंड्राइड मोबाइल पर
वो भेजती sms टाइपकर
कई हैं whatsapp यार
जिनके msg हैं उसे स्वीकार
white white कलाइयां
touch screen पे चलती उंगलिया
नाखुनो से झटाझट प्रहार
गर्मियों के दिन
चढ़ रही थी धूप
Make-up से दिव्य रूप
प्यास बुझाती pepsi गटगटाकर
उठी झुलसाती हुई लू
Cotton के जैसे जलती हुई भू
हनी सिंह का गाना बजाती
मंगाने को boyfriend की AC कार
वो भेजती sms टाइपकर ।
-तुषारापात®™
बेवजह कानून मत छौंकिए"
आज अगर महाकवि 'निराला' भी होते तो उन्हें भी अपनी कविता
'वो तोड़ती पत्थर
देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर'
(जिन्होंने पढ़ी होगी वो जानते होंगे इस कविता का मोल, जिसने न पढ़ी हो तो पढ़ लीजिये मातृभाषा हिंदी पे थोडा अहसान तो कर ही सकते हैं न ) लिखते तो उन्हें भी कुछ यूँ लिखना पड़ता :
'वो भेजती sms टाइपकर
देखा उसे मैंने एंड्राइड मोबाइल पर
वो भेजती sms टाइपकर
कई हैं whatsapp यार
जिनके msg हैं उसे स्वीकार
white white कलाइयां
touch screen पे चलती उंगलिया
नाखुनो से झटाझट प्रहार
गर्मियों के दिन
चढ़ रही थी धूप
Make-up से दिव्य रूप
प्यास बुझाती pepsi गटगटाकर
उठी झुलसाती हुई लू
Cotton के जैसे जलती हुई भू
हनी सिंह का गाना बजाती
मंगाने को boyfriend की AC कार
वो भेजती sms टाइपकर ।
-तुषारापात®™
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