Saturday 8 August 2015

बेशक तुम कलम का सर कलम कर दो
स्याही बिखर के फिर भी तेरा जुर्म लिखेगी
गला काटकर चाकुओं से गोद गोदकर मारे गए कई धर्म निरपेक्ष ब्लॉगर
क्या धर्म निरपेक्षता या सेकलुरिस्म की वजह से मारे गए ? या धार्मिक कट्टरता के विरोध के लिए ? या शायद कट्टरों को उनका मानव धर्म याद दिलाने की सजा है ये? मानवता इंसानियत मर चुकी है धर्म विलुप्त हो चूका है बाकी रह गए हैं सिर्फ धर्मान्ध और अंधों को कुछ नहीं दिखता । तलवार और कलम की ये जंग जारी है आप किस तरफ हैं ? :(

-तुषारपात®™

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